तुझ संग बिताये पल जैसे एक ख्वाब -
तुझ से थी रौशनी -
और तुझ से ही ज़िन्दगी हसीन.
तेरी मीठी आवाज़ से होता सवेरा -
ढलती तेरी आँखों में शाम.
तेरे जाने से जो
हुआ ज़िन्दगी में अँधेरा,
सोचता हूँ
कब आएगा अब सवेरा.
तुझ सी ना कोई कभी
न थी, न होगी मेरे लिए.
इस कलम से जलाता हूँ
अपनी गुजरी ज़िन्दगी के दिए
खो गया हूँ जालिम दुनिया के सागर में
न कोई कश्ती
और न कोई किनारा
ढूँढ रहा मैं
कोई सहारा.
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